जीवन में कभी भी आ सकता है परिवर्तन, इसे स्वीकार करें

जब भी आप सच्चे मन और सच्ची लगन के साथ जीवन में परिवर्तन लाने के लिए प्रयास करेंगे। उसी क्षण आपके जीवन में परिवर्तन दिखाई देने लगेगा। लोगों के जीवन में बहुत तरह के दु:ख हैं, परेशानियां हैं। लोग इनसे निजात चाहते हैं लेकिन वो प्रयास करने के लिए डरते हैं। बहुत सारे लोग तो ऐसे हैं जो अपने जीवन में परिवर्तन के लिए प्रयास करना ही नहीं चाहते। वो बिना मेहनत के सिर्फ सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैं।
हर किसी के जीवन में परिवर्तन आना निश्चित है। यह हमारे प्रयासों के ऊपर निर्भर करता है कि हम अपने जीवन को किस तरह परिवर्तित चाहते हैं।
महान दार्शनिक अरस्तू ने परिवर्तन को लेकर एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर किया है। उन्होंने कहा है – परिवर्तन प्रकृति का नियम है, जिसे हमें स्वीकार करना होगा। जब हम इस नियम को अस्वीकार करने लगते हैं और अपने दुख-दर्द को नकारते हैं, तो हम अवसाद से घिर जाते हैं। हमें यह जान लेना चाहिए कि जिंदगी में सुख और दुख दोनों का हिस्सा होता है।
जो व्यक्ति इस सत्य को समझ लेता है, वह निराश और हताश नहीं होता। उसकी मानसिक स्थिति मजबूत रहती है और वह अपने कार्यों में समर्पित रहता है और इस तरीके से उसका जीवन मजबूत हो जाता है।
परिवर्तन के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि इस संसार में ऐसा कुछ नहीं है जो स्थिर है। हर चीज गतिशील है, उसमें परिवर्तन अवश्य होता है। जीवन में परिवर्तन के लिए हमें संघर्ष करना होगा। संघर्ष हमारे जीवन में विकास के बीज को बोता है और इसी के द्वारा हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है। हमारे जीवन में जो भी अनुकूल या विपरीत परिस्थितियां आती हैं वो हमारे विकास और सृजनात्मकता में सहायक बनती हैं। बस हमें अपना आपा खोए बिना सकारात्मक परिवर्तन के लिए काम करना चाहिए।
अपने जीवन में परिवर्तन को स्वीकारना साहस का काम है। क्योंकि हर कोई हर समय परिवर्तन के लिए तैयार नहीं होता। बहुत सारे लोग जीवन में नई चुनौतियों से डरते हैं। लोगों को चुनौतियों से डरना नहीं चाहिए क्योंकि चुनौतियां जीवन में सृजनात्मकता का बीज बोती हैं। बस हमें बिना आपा खोए उन चुनौतियों को स्वीकार करना चाहिए। सुख और दुख का पहलू हमेशा जीवन के साथ-साथ चलता रहता है। हमें इसे समान रूप से स्वीकार कर जीवन का आनंद लेना चाहिए।